Wednesday, November 30, 2011

काव्य कॉमिक

कॉमिक्स की विशेषता यह होती है की वो कला के दो माध्यमो (चित्रकला और कहानी) का संगम होती है और पाठक को दोनों का रस देती है. एक छुटभईये लेखक और कवी होने की वजह से मेरे मन के किसी कोने मे कविता और चित्रों के मेल की बात उठी जो मैंने कहीं पढ़ा नहीं. पर अपने अनुभव से बता रहा हूँ और मुझे पक्का पता है की दुनिया इतनी विशाल है की ऐसे प्रयास भी पहले हो चुके होंगे. कभी-कभी किसी कहानी की परिकल्पना मैंने अपने मन मे सहेज रखी होती है, पता चलता है की वो किसी फिल्म, नाटक, किताब मे पहले ही दिखाई जा चुकी है.

यहाँ मैंने एक प्रतिभावान कलाकार (जिनका नाम आपको कॉमिक्स आने पर ही
पता चलेगा) के साथ मिलकर एक 'काव्य कॉमिक' बनायीं है जो सन 1984 मे घटी दो दुखद घटनाओ भोपाल गैस काण्ड और सिख विरोधी दंगो के दर्द को कल्पना मे पिरो रही है. थोडा काम अभी बचा है. इस काव्य कॉमिक से 3 दृश्य यहाँ बाँट रहा हूँ. बहुत कम होता है की मेरा मन किसी काम मे लगता है. आशीर्वाद दीजियेगा. 





Sunday, November 27, 2011

पौराणिक वर्गीकरण


(Virgin Comics/Liquid Comics: 2006-2007)

भारतीय कॉमिक्स परिदृश्य मे उभरे एक नए विषय पर लिख रहा हूँ. चीज़ों, बातों, जगहों, व्यक्तियों, आदि का वर्गीकरण करना एक बड़ी समस्या है. मैंने गिनती करना छोड़ दिया है जब मैंने किसी व्यक्ति को असल जीवन मे या इंटरनेट पर गलत वर्गीकरण करने पर समझाया हो. यह एक छदम सामाजिक बुराई है जिसपर कम ही का ध्यान जाता है, विडंबना तो यह है की वर्गीकरण हर जगह है.

खैर, मै यह सब इसलिए बोल रहा हूँ की वर्गीकरण हमे कॉमिक्स मे देखने को मिलता है. इस बार मै बाहरी दुनिया (और बाहर का अनुसरण करते कई भारतियों) की भारत के बारे मे धारणा पर आपका ध्यान लाना चाहूँगा. हाल के वर्षो मे भारतीय कलाकारों की माँग दुनिया भर के कॉमिक्स प्रकाशनों मे बढ़ी है. कारण वही पुराना है की यहाँ के फनकार बाहरी कलाकारों की तुलना मे कम दाम पर उसी गुणवक्ता का काम देते है. बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली, आदि बड़े शेहरो से आउटसोर्स होकर वो कला दुनिया भर मे सराही जाती है. अब विश्व के प्रमुख प्रकाशन भारत मे कई जगह उपलब्ध है, जहाँ नहीं है वहां अपडेट और ज्ञान देता इंटरनेट है. साथ ही भारत मे बच्चो और युवा वर्ग के लिए कुछ नये भारतीय कॉमिक प्रकाशक भी आये है जिनकी कॉमिक्स मुख्यतः इंग्लिश मे होती है.

तो मुद्दे की बात ये है की मैंने ऐसे कई भारतीय कलाकारों की कॉमिक्स और नये भारतीय प्रकाशकों (मै नाम नहीं ले रहा हूँ) की कॉमिक्स पढ़ी. उनमे से अधिकतर मे मैंने एक बात देखी की उनमे वो कॉमिक सीरिज़ पौराणिक कथाओं, ग्रंथों, देव गाथाओं, पर आधारित या उनसे मिलते-जुलते परिवेश की काल्पनिक कहानियाँ थी. इतनी सारी कॉमिक्स मे यही बेकड्रॉप, थीम पढ़ कर मन मे सवाल उठा क्या बस यही है भारत? तरह-तरह के लोगो, जगहों, धर्मो, भाषाओँ, वन्य जीवन, विरासतों, किवदंतियों, प्रदेशों, संस्कृतियों और उनके विशाल इतिहास से मिलकर बना भारत? मन ने तुरंत ही जवाब भी दिया, "नहीं!"

भारत मे बहुत कुछ और भी है या था, जो दुनिया भर को और उसकी युवा पीढ़ी को काल्पनिक परिवेश मे लपेट कर दिखाया जा सकता है. जैसे पूर्वोतर भारत के राज्यों की अनगिनत किवदंतियां को बाहरी दुनिया तो क्या उन प्रदेशो के अलावा दूसरे भारतीय राज्यों तक मे लगभग अनसुनी है या जनजातियों की कुछ अचरच मे डाल देने वाली प्रथाएं और उनके पीछे के कारण. पिछले दशको के इतिहास की घटनाओ (जैसे गोधरा काण्ड, मुंबई बम विस्फोट, 1984 मे घटे सिख विरोधी दंगे और भोपाल गैस काण्ड, आदि) को बेस बनाकर उनपर कुछ काल्पनिक कहानियाँ जो न सिर्फ लोगो संदेश दे बल्कि नयी पीढ़ियों को बताये की भारत मे ऐसा भी हुआ था. पर दुर्भाग्यवश ऐसे विषयों पर प्रकाशकों का ध्यान न के बराबर ही जाता है.

अगर कोई कहे की ऐसा संभव नहीं है या अगर ऐसा किया जायेगा तो पाठको को आनंद नहीं आएगा. तो मै यही कहूँगा की कुशल लेखनी मे सब संभव है. मै भी अपने सीमित संसाधनों से ऐसा ही प्रयास कर रहा हूँ अगर सफल हुआ तो आप सबके साथ सबसे पहले बाँटूगा. वैसे आप इस वर्गीकरण के बारे मे क्या सोचते है?

Thursday, September 22, 2011

चित्रकथा दस मिनट का रफ प्रीव्यू

चित्रकथा का करीब दस मिनट का रफ प्रीव्यू, ख़ास आप सभी कॉमिक्स दीवानों के लिए:

Tuesday, March 29, 2011

चित्रकथा के वीडियो टीज़र्स ख़ास आपके लिए

प्रिय मित्रों यदि आप फेसबुक पर हमारे चित्रकथा पेज के सदस्य हैं तो आपको पता ही होगा  कि हमने चित्रकथा  के वीडियो टीज़र्स वहाँ रिलीज़ करने शुरू किये हैं... यहाँ प्रस्तुत हैं हमारे दो टीज़र्स ख़ास आपके लिए...आपके सुझावों का इंतज़ार रहेगा - आलोक शर्मा (चित्रकथा



Wednesday, January 19, 2011

उफ्फ़ ये डोगा का सिनेमा भी ना..


यह ना तो फिल्मी गॉसिप है और ना ही भारतीय कामिक्स प्रेमियों के लिए सनसनी.. यह तो मात्र एक ऐसे कामिक्स प्रेमी की व्यथा है जो भारतीय कामिक्स कैरेक्टर को सिल्वर स्क्रीन पर देखना चाहता है..

पिछले लगभग दो सालों से सुन रहा हूँ कि अनुराग कश्यप जी डोगा को सिल्वर स्क्रीन पर उतारना चाहते हैं.. जब मैंने यह पहली दफे सुना था तब मन में सबसे पहला सवाल यही उठा था की कौन सा भारतीय अभिनेता शारीरिक तौर से इतना फिट है, फिर पता चला कि कुनाल कपूर को इसके लिए चुना गया है और वह जीतोड मेहनत भी कर रहे हैं ऐसा उनके ही किसी Interview में पढ़ा भी.. कई अन्य सवालों में से एक प्रमुख सवाल मेरे मन में आया था, वह यह कि मोनिका का रोल कौन करेगी? क्या मुंबई के गटर के भीतर सच में इतनी जगह होती है क्या जिसमें से डोगा आराम से आ-जा सके? और यक़ीनन जब अनुराग कश्यप सिनेमा बनाएंगे तो सूरज और मोनिका को पेड़ों के इर्द-गिर्द नाचते-गाते तो नहीं ही दिखाएँगे..

खैर यह सब भी होता ही रहेगा, और अनुराग जी पर इतना भरोसा तो जरूर है कि वह जब भी बनाएंगे तो वह एक क्लासिक चीज ही होगी.. मगर सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर दो साल से सुनते-सुनते अभी तक कहीं यह चर्चा क्यों नहीं सुना कि यह फ़िल्म बन रही है? हर जगह यही क्यों पढ़ने को मिलता है कि फ़िल्म बनेगी?

मैंने इस बाबत कुछ छानबीन की और पता चला कि अनुराग जी पूरे मन से इसे बनाने को तैयार हैं, मगर डोगा के कापीराईट को खरीदने के लिए पैसे को लेकर मामला अटक गया है.. और अभी गेंद राजा पाकेट बुक्स के पाले में है.. अब अंदर कि खबर क्या होगी यह तो अनुराग जी और संजय गुप्ता जी ही बताएँगे.. मगर मेरी समझ यही कहती है कि अगर इस पर सिनेमा बनती है और वह थोड़ी भी चर्चा पाती है तो इसका सीधा फायदा राजा पाकेट बुक्स को ही मिलेगा, क्योंकि मेरी जानकारी में राज कामिक्स(सनद रहे, राज कामिक्स राजा पाकेट बुक्स का ही एक हिस्सा है) का मुनाफा दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है, और अगर यह सिनेमा सिल्वर स्क्रीन पर आती है तो यह हित रहे या फ्लॉप मगर इसका सीधा फायदा डोगा की कामिक्स की बिक्री को होगा.. और यक़ीनन उसकी बिक्री पहले से अधिक भी होगी..

खैर, मैं भी आप पाठकों की ही तरह इन्तजार में हूँ कि कब हमें यह सिनेमा सिल्वर स्क्रीन पर देखने को मिलता है..


आज के इस पोस्ट के साथ मैं यह भी बताना चाहता हूँ कि संजय गुप्ता जी के अनुरोध पर अब से इस ब्लॉग पर वैसा कोई भी कामिक्स आपको पढ़ने को नहीं मिलेगा जो फिलहाल बाजार में उपलब्ध है.. अभी जिस किसी पोस्ट में ऐसे लिंक उपलब्ध हैं उसके लिंक धीरे-धीरे Deactivate किया जा रहा है.. धन्यवाद..